Ab bina b.ed kiya ban jaenge sikshak शिक्षक बनने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। अब शिक्षक बनने के लिए B.Ed की डिग्री अनिवार्य नहीं रही। जी हां, नई नियुक्तियों में इस नियम को हटा दिया गया है, यानी जिन उम्मीदवारों ने B.Ed नहीं किया है, वे भी अब शिक्षक बनने का मौका पा सकते हैं। इस फैसले से जहां कई अभ्यर्थियों को राहत मिली है, वहीं कुछ उम्मीदवार इसे विवाद का विषय भी बना रहे हैं।
दरअसल, मामला उत्तर प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों का है, जहां एलटी ग्रेड सहायक अध्यापक भर्ती में कंप्यूटर विषय के लिए नई पात्रता तय की गई है। इसमें B.Tech (आईटी) डिग्री धारकों को पात्रता सूची से बाहर कर दिया गया है। इस फैसले ने कई अभ्यर्थियों को नाराज कर दिया है और उन्होंने इसे हाईकोर्ट तक पहुंचा दिया है।
अभ्यर्थियों ने दायर की याचिका
B.Tech इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डिग्री सीधे-सीधे कंप्यूटर विषय से जुड़ी हुई है, फिर भी इन्हें भर्ती से बाहर रखना अभ्यर्थियों को बिल्कुल भी सही नहीं लग रहा। उनका कहना है कि जब विषय तकनीकी है, तो आईटी ग्रेजुएट्स को बाहर करना अन्याय है। इसी को लेकर उम्मीदवारों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है और मांग की है कि उन्हें एलटी ग्रेड परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाए। साथ ही, UP अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियमावली 2024 में आईटी डिग्री को भी मान्यता दी जाए।
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने लगभग 7 साल बाद एलटी ग्रेड भर्ती का विज्ञापन निकाला है। इस बार कुल 7385 पदों पर भर्ती होनी है, जिनमें कंप्यूटर शिक्षक के 1056 पद शामिल हैं। सबसे बड़ी राहत यह है कि कंप्यूटर विषय में B.Ed की अनिवार्यता हटा दी गई है, जिससे तकनीकी पृष्ठभूमि वाले अभ्यर्थियों के लिए रास्ता खुल गया है। लेकिन इसी बीच, नई नियमावली में B.Tech IT उम्मीदवारों को पात्रता से बाहर कर दिया गया, और यही बात अब विवाद का कारण बन गई है।
पिछली बार क्या हुआ था?
अगर पीछे देखें तो साल 2018 में जब पहली बार कंप्यूटर विषय को एलटी ग्रेड में शामिल किया गया था, तब B.Ed की अनिवार्यता के कारण स्थिति बेहद खराब हो गई थी। उस समय 1673 पदों में से 1637 पद खाली रह गए थे, और सिर्फ 36 कंप्यूटर शिक्षकों का चयन हो पाया था। इस बार सरकार ने इस समस्या को देखते हुए नियम बदला और B.Ed की शर्त हटा दी। लेकिन अब B.Tech IT अभ्यर्थियों को बाहर करने से फिर से विवाद खड़ा हो गया है।
अभ्यर्थियों की नाराजगी
उम्मीदवारों का कहना है कि अगर कंप्यूटर विषय तकनीकी है, तो आईटी ग्रेजुएशन को बाहर करना बिल्कुल न्यायसंगत नहीं है। वे मांग कर रहे हैं कि इस भर्ती प्रक्रिया में B.Tech (IT) डिग्री को भी शामिल किया जाए और उन्हें भी अवसर दिया जाए। फिलहाल मामला हाईकोर्ट में लंबित है और अब सभी की नजर कोर्ट के फैसले पर टिकी है। यह फैसला आने वाले समय में भर्ती प्रक्रिया की दिशा और कई अभ्यर्थियों के करियर को तय करेगा।
यह बदलाव जहां एक ओर हजारों युवाओं के लिए शिक्षक बनने का सुनहरा अवसर लेकर आया है, वहीं दूसरी ओर कई अभ्यर्थियों की उम्मीदों को अधर में भी छोड़ गया है। अब देखना होगा कि कोर्ट का फैसला इस विवाद को किस दिशा में ले जाता है।