Fastag Annual Pass : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने फास्टैग एनुअल पास से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है। अब तक जिन वाहन मालिकों को मासिक या वार्षिक पास के जरिए हाईवे टोल से छूट मिलती थी, उन्हें झटका लग सकता है। पहले जहां एक तय शुल्क देकर अनलिमिटेड यात्रा की सुविधा मिलती थी, वहीं अब नए नियमों के तहत यात्रा की संख्या सीमित कर दी गई है। इतना ही नहीं, कुछ खास हाइवे रूट्स पर पास को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है। सरकार का मानना है कि पुराने सिस्टम का दुरुपयोग हो रहा था, जिससे टोल कलेक्शन में नुकसान हो रहा था।
किन हाईवे रूट्स पर असर होगा?
इस नए नियम का सबसे ज्यादा असर उन मार्गों पर पड़ेगा जहां रोजाना लाखों लोग आवाजाही करते हैं। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई-पुणे, बेंगलुरु-हैदराबाद और चेन्नई-कोयंबटूर जैसे हाईवे सबसे प्रमुख हैं। इन रूट्स पर लोग मासिक पास लेकर भारी बचत करते थे, लेकिन अब यह सुविधा खत्म होने से उन्हें हर यात्रा पर टोल चुकाना होगा। रोजाना ऑफिस जाने वाले और बिजनेस ट्रैवलर्स के लिए यह नियम उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल सकता है।
नए नियम और शर्तें
फास्टैग पास अब केवल विशेष टोल प्लाज़ा और निर्धारित रूट्स पर ही मान्य होगा। इसके अलावा हर महीने तय सीमा तक ही यात्रा की अनुमति होगी। यदि कोई व्यक्ति इस सीमा से ज्यादा यात्रा करता है, तो उसे सामान्य दर पर टोल देना होगा। साथ ही, एक व्यक्ति एक समय में केवल एक ही रूट का पास ले सकता है। यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और छूट का गलत फायदा न उठाया जा सके।
टैग धारकों पर सीधा असर
इस नियम से करोड़ों फास्टैग यूज़र्स प्रभावित होंगे। पहले जहां टैक्सी ड्राइवर, ट्रांसपोर्टर्स और डेली कम्यूटर्स को कम पैसे में अनलिमिटेड यात्रा का लाभ मिलता था, अब उन्हें अतिरिक्त खर्च करना होगा। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर नाराज़गी जताई है कि सरकार एक तरफ डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देती है और दूसरी तरफ उसकी सुविधाओं को सीमित कर देती है। हालांकि, NHAI का कहना है कि यह कदम सिस्टम को पारदर्शी और अनुशासित बनाने के लिए बेहद जरूरी है।
टोल कलेक्शन और राजस्व सुधार
सरकार के अनुसार, नए नियमों से टोल कलेक्शन में पारदर्शिता आएगी और राजस्व का नुकसान कम होगा। पहले मासिक पास की वजह से हाईवे रखरखाव और संचालन के लिए जरूरी फंड प्रभावित हो रहे थे। अब हर यूज़र अपनी यात्रा के हिसाब से टोल चुकाएगा। साथ ही, टोल प्लाज़ा पर भीड़ कम होने की संभावना है क्योंकि अब गैर-जरूरी पास बनवाने वालों की संख्या घटेगी।
यात्रियों के लिए वैकल्पिक उपाय
नए बदलाव से परेशान यात्रियों के लिए कुछ वैकल्पिक रास्ते भी सुझाए गए हैं। कंपनियां अपने कर्मचारियों को यात्रा भत्ता या वाउचर दे सकती हैं। वहीं, आम लोग चाहें तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा सरकार अभी भी स्कूल बस, एंबुलेंस और सरकारी वाहनों जैसे कुछ खास वर्गों को छूट देती रहेगी। एनएचएआई ने अपनी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर पास से जुड़ी अपडेटेड जानकारी उपलब्ध कराई है ताकि उपभोक्ता भ्रमित न हों।
आगे क्या हो सकता है?
आने वाले समय में सरकार और भी रूट्स पर मासिक पास की सुविधा खत्म कर सकती है। इसके अलावा पास की राशि बढ़ाई जा सकती है या स्मार्ट चार्जिंग सिस्टम लागू किया जा सकता है, जिसमें यात्रा हिस्ट्री के आधार पर शुल्क लिया जाएगा। यदि यह सही तरीके से लागू होता है तो यह व्यवस्था यात्रियों और सरकार दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
निष्कर्ष
फास्टैग एनुअल पास से जुड़ा नया नियम लाखों यात्रियों के लिए बड़ा बदलाव है। जहां पहले अनलिमिटेड यात्रा की सुविधा थी, अब वह खत्म कर दी गई है। इससे आम लोगों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा, लेकिन सरकार का मानना है कि यह कदम हाईवे सिस्टम को और सुरक्षित, पारदर्शी और संतुलित बनाएगा। यात्रियों को चाहिए कि वे नियमों को ध्यान से पढ़ें और अपनी यात्रा की योजना उसी हिसाब से बनाएं।