PM Kisan 21th Installment Date 2025 : भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हमेशा से किसान ही रहे हैं। देश की एक बड़ी आबादी खेती पर निर्भर करती है और ऐसे में किसानों की आर्थिक मजबूती सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक मानी जाती है। किसानों की इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) शुरू की गई थी। इस योजना की शुरुआत 24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को सीधी आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
किसानों के लिए सीधी आर्थिक मदद
पीएम किसान योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल कुल ₹6000 की सहायता दी जाती है। यह रकम तीन बराबर किस्तों में यानी ₹2000-₹2000-₹2000 सीधे किसानों के बैंक खाते में भेजी जाती है। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए पहुंचती है, जिससे किसी भी तरह के बिचौलियों और भ्रष्टाचार की गुंजाइश नहीं रहती। सरकार चाहती है कि हर किसान समय पर यह पैसा पाकर खेती-किसानी के कामों में आसानी से आगे बढ़ सके और मुश्किल हालात में उन्हें तुरंत आर्थिक सहारा मिल सके।
21वीं किस्त कब मिलेगी?
केंद्र सरकार ने अब PM किसान योजना की 21वीं किस्त की आधिकारिक घोषणा कर दी है। सरकार के मुताबिक, यह किस्त अगस्त और सितंबर 2025 के बीच किसानों के खातों में पहुंचना शुरू हो जाएगी। इस बार भी प्रत्येक पात्र किसान को ₹2000 की राशि भेजी जाएगी। यह ट्रांसफर चरणबद्ध तरीके से होगा ताकि देशभर के करोड़ों किसानों को समय पर और सुचारू रूप से लाभ मिल सके।
20वीं किस्त के दौरान करीब 9 करोड़ किसानों को पैसा मिला था और उम्मीद है कि 21वीं किस्त में भी इतने ही या इससे ज्यादा किसानों को शामिल किया जाएगा। चूंकि इस बीच कई नए पंजीकरण और ई-केवाईसी अपडेट हुए हैं, इसलिए लाभार्थियों की संख्या और भी बढ़ सकती है।
डिजिटल और पारदर्शी सिस्टम की खासियत
पीएम किसान योजना को सफल बनाने में इसकी डिजिटल व्यवस्था ने बड़ी भूमिका निभाई है। किसानों की पहचान और सत्यापन के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता और मोबाइल नंबर आपस में लिंक किए जाते हैं। इससे सुनिश्चित होता है कि पैसा सीधे उसी किसान के खाते में पहुंचे जो वास्तव में इसका हकदार है।
इस योजना की निगरानी कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय करता है, जबकि राज्य सरकारें लाभार्थियों के चयन और सत्यापन का काम संभालती हैं। इस तरह केंद्र और राज्य दोनों मिलकर किसानों को आर्थिक सहायता देने की पारदर्शी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं।
कौन हैं पात्र और कौन नहीं?
इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनके पास खुद की कृषि भूमि है और जिनका नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। साथ ही किसान का आधार, बैंक खाता और मोबाइल नंबर लिंक होना चाहिए और उसे ई-केवाईसी प्रक्रिया भी पूरी करनी होगी।
लेकिन कई लोग इस योजना से बाहर रखे गए हैं, जैसे –
- आयकर देने वाले लोग
- संवैधानिक पद पर कार्यरत व्यक्ति
- डॉक्टर, वकील, इंजीनियर जैसे पेशेवर
- सरकारी अधिकारी या कर्मचारी
खरीफ सीजन में मददगार किस्त
अगस्त और सितंबर का समय भारत में खरीफ फसलों का मौसम होता है। इस दौरान धान, मक्का और सोयाबीन जैसी फसलों की बुआई और देखभाल के लिए किसानों को बीज, खाद, कीटनाशक और सिंचाई पर अच्छा-खासा खर्च करना पड़ता है। ऐसे समय में ₹2000 की यह किस्त किसानों के लिए एक बड़ा सहारा बनती है। भले ही यह रकम बहुत ज्यादा न लगे, लेकिन समय पर मिल जाने से किसानों को साहूकारों से कर्ज लेने से बचने में मदद मिलती है और खेती-किसानी बिना रुकावट के चलती रहती है।
किसानों को मिले कई फायदे
पीएम किसान योजना के कारण ग्रामीण भारत में कई बदलाव देखने को मिले हैं। किसानों की क्रय शक्ति बढ़ी है, ग्रामीण बाजारों में मांग में इजाफा हुआ है और बैंकों में खाते खोलने की संख्या बढ़ी है। सबसे अहम बात यह है कि इस योजना से महिला किसानों को भी खास फायदा हुआ है, खासकर जब भूमि उनके नाम पर दर्ज होती है।
इससे किसानों में आत्मनिर्भरता और सम्मान की भावना बढ़ी है और वे छोटे स्तर पर ही सही, लेकिन आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
चुनौतियां भी मौजूद
हालांकि यह योजना काफी सफल रही है, लेकिन कुछ चुनौतियां अब भी सामने आती रहती हैं। कई बार किसानों के भूमि दस्तावेज अधूरे या गलत होते हैं, आधार और बैंक खातों को लिंक करने में तकनीकी दिक्कतें आती हैं और कई राज्यों में भूमि रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन अभी भी अधूरा है।
इसके अलावा नाम या पते की गलती के कारण भी भुगतान में देरी हो जाती है। सरकार इन समस्याओं को दूर करने के लिए लगातार राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है। साथ ही किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
भविष्य की संभावनाएं
सरकार चाहती है कि आने वाले समय में यह योजना सिर्फ आर्थिक सहायता तक सीमित न रहकर एक पूर्ण किसान सेवा मंच बन जाए। इसके लिए कई नए सुधारों पर विचार चल रहा है जैसे –
- AI और मशीन लर्निंग से लाभार्थियों की पहचान में सुधार
- मोबाइल ऐप पर रियल टाइम अपडेट और नोटिफिकेशन
- किसानों को मौसम, बाजार भाव और कृषि सलाह की जानकारी देना
- ऑटोमैटिक ई-केवाईसी और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ने करोड़ों किसानों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाया है। खरीफ सीजन में आने वाली 21वीं किस्त किसानों के लिए समय पर मिलने वाली मदद है, जो उनकी खेती को गति देगी और उन्हें साहूकारों पर निर्भर होने से बचाएगी। यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर और डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।