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Pradhan Mantri Kusum Yojana : किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी! पीएम कुसुम योजना 2025 में मिलेगी 60% सब्सिडी – ऐसे करें आवेदन”

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Pradhan Mantri Kusum Yojana

Pradhan Mantri Kusum Yojana : री-राइट किया गया आर्टिकल (हिंदी में)

किसानों के लिए एक बार फिर से बड़ी राहत की खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना 2025 को और मजबूत बनाने का फैसला किया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और कृषि क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ावा देना है। पहली बार यह योजना साल 2019 में शुरू हुई थी और अब 2025 में इसमें कई बड़े बदलाव किए गए हैं ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। सबसे खास बात यह है कि किसानों को अब सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप लगाने के लिए 60% तक की सब्सिडी दी जाएगी। इससे किसानों के सिंचाई खर्च में भारी कमी आएगी और बिजली व डीजल पर निर्भरता भी काफी घट जाएगी।

सरकार का मानना है कि इस योजना से न सिर्फ किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। सौर संयंत्र लगाने और उनके रखरखाव के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय श्रमिकों की जरूरत होगी, जिससे गांवों में आजीविका के नए रास्ते खुलेंगे।

सब्सिडी का फायदा कैसे मिलेगा?

कुसुम योजना के तहत किसानों को सोलर पंप लगाने की कुल लागत का 60% हिस्सा सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार 30% और राज्य सरकार 30% सब्सिडी देती है। बाकी 40% राशि किसान को खुद वहन करनी होगी, लेकिन यह रकम लोन के माध्यम से भी उपलब्ध कराई जा सकती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी सोलर पंप की कीमत ₹1 लाख है, तो किसान को सिर्फ ₹40,000 ही खर्च करने होंगे। यह सुविधा खासकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है।

कौन कर सकता है आवेदन?

इस योजना का लाभ वही किसान उठा सकते हैं जिनके पास खेती की जमीन का वैध रिकॉर्ड है और जो सिंचाई के लिए पंप का इस्तेमाल करते हैं। व्यक्तिगत किसान, किसान समूह, सहकारी समितियां और पंचायतें भी आवेदन कर सकती हैं। जिन इलाकों में बिजली की कमी है या जहां किसान डीजल पर ज्यादा निर्भर हैं, वहां इस योजना को प्राथमिकता दी जा रही है। आवेदन के लिए किसानों को अपनी जमीन से जुड़े कागजात, पहचान पत्र और बैंक अकाउंट की डिटेल देनी होगी।

आवेदन की प्रक्रिया

सरकार ने आवेदन प्रक्रिया को बेहद आसान और डिजिटल बना दिया है। किसान अपने राज्य की नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। उन्हें नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, भूमि विवरण और बैंक अकाउंट जैसी जानकारी भरनी होती है। जांच के बाद योग्य किसानों को योजना का लाभ दिया जाएगा। कुछ राज्यों में ऑफलाइन आवेदन की भी सुविधा मौजूद है।

पर्यावरण और किसानों दोनों के लिए फायदेमंद

यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारती है, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित बनाती है। सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप पूरी तरह पर्यावरण अनुकूल होते हैं। इससे कार्बन उत्सर्जन कम होता है और जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मदद मिलती है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक कृषि क्षेत्र में 30% ऊर्जा का उपयोग नवीकरणीय स्रोतों से हो।

किसानों की राय

जिन किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया है, उन्होंने बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि अब सिंचाई आसान हो गई है और बिजली के भारी बिल से छुटकारा मिल गया है। खासकर डीजल पंप इस्तेमाल करने वाले किसान दिन-रात अपने खेतों की सिंचाई कर पा रहे हैं। कुछ किसानों ने तो अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेचकर अतिरिक्त आय भी कमानी शुरू कर दी है। भविष्य की दिशा

सरकार आने वाले वर्षों में इस योजना को और विस्तार देने की तैयारी कर रही है। लक्ष्य है कि हर गांव में कम से कम एक सामुदायिक सोलर पंप हो। साथ ही इसे डेयरी, बागवानी और अन्य ग्रामीण गतिविधियों से भी जोड़ने की योजना है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री कुसुम योजना 2025 किसानों के लिए न केवल राहत का साधन है बल्कि यह उन्हें ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर भी ले जाती है। 60% तक की सब्सिडी मिलने से किसानों पर वित्तीय बोझ कम होगा और वे आधुनिक तकनीक का उपयोग कर खेती को और बेहतर बना सकेंगे। यह योजना आने वाले समय में भारत के हर किसान के लिए वरदान साबित हो सकती है।

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