Public Holidays: बिहार सरकार ने साल 2026 के लिए छुट्टियों का कैलेंडर जारी कर दिया है और इस बार सरकारी कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाली बड़ी खुशखबरी सामने आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दी गई। अब राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को कुल 44 दिन की छुट्टियां मिलेंगी। यह सूची सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी की है, जिसमें धार्मिक, सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व के त्योहारों को खास जगह दी गई है।
दरअसल, सरकार ने छुट्टी कैलेंडर तैयार करते समय न केवल कर्मचारियों की सुविधा को ध्यान में रखा, बल्कि सामाजिक सद्भावना और सांस्कृतिक एकता का भी पूरा ख्याल रखा है। यही कारण है कि विभिन्न समुदायों के त्योहारों में संतुलन बनाकर उन्हें अवकाश सूची में शामिल किया गया है।
छुट्टियों का पूरा ब्योरा
2026 की छुट्टियों को तीन प्रमुख श्रेणियों में बांटा गया है।
- पहली श्रेणी में 11 सामान्य अवकाश रखे गए हैं। इनमें गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती जैसे राष्ट्रीय पर्व और मकर संक्रांति, होली, दीवाली जैसे बड़े धार्मिक त्योहार शामिल हैं।
- दूसरी श्रेणी में 15 सार्वजनिक अवकाश तय किए गए हैं। इनमें रामनवमी, जन्माष्टमी, बुद्ध पूर्णिमा, ईद और गुरु नानक जयंती जैसे पर्व शामिल हैं।
- तीसरी श्रेणी में 17 प्रतिबंधित या वैकल्पिक अवकाश दिए गए हैं। इन छुट्टियों को कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत और धार्मिक मान्यताओं के आधार पर चुन सकते हैं।
इसके अलावा वार्षिक लेखा बंदी के लिए भी एक दिन अलग से निर्धारित किया गया है।
त्योहारों में दिखा धार्मिक सौहार्
छुट्टियों की इस सूची में बिहार की गंगा-जमुनी तहज़ीब साफ झलकती है। सरकार ने कोशिश की है कि हर धर्म और समुदाय के महत्वपूर्ण त्योहारों को उचित स्थान मिले। हिंदू धर्म के होली, दीवाली, दशहरा और जन्माष्टमी को शामिल करने के साथ इस्लाम धर्म के ईद-उल-अजहा और मुहर्रम को भी जगह दी गई है। वहीं, सिख धर्म के गुरु नानक जयंती और गुरु तेग बहादुर जयंती, बौद्ध धर्म के बुद्ध पूर्णिमा और जैन धर्म के महावीर जयंती को भी सूची में शामिल किया गया है। इससे न केवल धार्मिक सद्भावना बढ़ेगी, बल्कि समाज में एकता का संदेश भी जाएगा। छुट्टियों का सामाजिक महत्व
सरकारी छुट्टियां सिर्फ दफ्तरों तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि इनका असर पूरे समाज पर पड़ता है। अवकाश के दौरान स्कूल-कॉलेजों के छात्र पढ़ाई के दबाव से राहत पाकर अपने परिवार के साथ समय बिता सकते हैं। सरकारी कर्मचारियों को भी कार्य के बोझ से थोड़ी राहत मिलती है, जिससे वे नए जोश और ऊर्जा के साथ अपनी जिम्मेदारियां निभा पाते हैं। त्योहारी छुट्टियां परिवारों को जोड़ने, रिश्तों को मजबूत करने और सामुदायिक मेल-जोल को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती हैं।
व्यावहारिक फायदे और भविष्य की योजना
इस सुनियोजित छुट्टी कैलेंडर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि सरकारी कर्मचारी साल भर की अपनी निजी और पारिवारिक योजनाएं आराम से बना सकते हैं। चाहे परिवार संग लंबी यात्रा पर जाना हो या फिर कोई निजी कार्यक्रम तय करना हो, सब कुछ पहले से प्लान करना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही यह व्यवस्था कर्मचारियों के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखने में भी मददगार साबित होगी।
कुल मिलाकर, बिहार सरकार का यह कदम न केवल कर्मचारियों को राहत देगा, बल्कि राज्य में सामाजिक सौहार्द और सांस्कृतिक विविधता को भी और मजबूत बनाएगा।