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UPI New Rule : अब UPI पर बड़ा बदलाव! दोबारा लागू हुआ नया नियम, हर यूज़र को जानना है ज़रूरी

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UPI New Rule

UPI New Rule : भारत में डिजिटल भुगतान की रीढ़ बन चुका यूपीआई (Unified Payments Interface) आज हर किसी की जिंदगी का हिस्सा बन गया है। चाहे सड़क किनारे गोलगप्पे वाले से लेनदेन करना हो या फिर मॉल में महंगे सामान की खरीदारी करनी हो, हर जगह लोग अब कैश की जगह यूपीआई का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। इसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज भारत में लगभग 85% डिजिटल पेमेंट्स यूपीआई के जरिए हो रहे हैं। यही वजह है कि न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों तक में यूपीआई की सफलता चर्चा का विषय बनी हुई है।

लगातार बढ़ते आंकड़े और सरकार का बड़ा लक्ष्य

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि यूपीआई लेनदेन हर महीने नया रिकॉर्ड बना रहा है। फिलहाल रोज़ाना 65 से 70 करोड़ ट्रांजेक्शन हो रहे हैं, जिनमें अरबों रुपये का लेनदेन शामिल है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब बिजली, पानी, मकान किराया और सैलरी जैसे जरूरी भुगतान भी यूपीआई से होने लगेंगे, तो यह संख्या और तेज़ी से बढ़ेगी।

सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि यूपीआई के जरिए होने वाले दैनिक लेनदेन को आने वाले समय में 100 करोड़ तक पहुंचाया जाए

बढ़ते फ्रॉड और डिजिटल ठगी का खतरा

यूपीआई की सफलता जितनी तेज़ी से बढ़ी है, उतनी ही तेजी से इससे जुड़े धोखाधड़ी के मामले भी सामने आ रहे हैं। साइबर अपराधी लोगों को फर्जी कॉल्स, नकली लिंक और जाली वेबसाइट्स के जरिए फंसाकर उनसे संवेदनशील जानकारी हासिल कर लेते हैं। कई बार लोग अनजाने में ओटीपी शेयर कर देते हैं और उनके खाते से पैसा गायब हो जाता है।

इन्हीं बढ़ते मामलों के चलते सरकार और बैंकिंग संस्थाएं लगातार नए सुरक्षा उपायों पर काम कर रही हैं, ताकि लोगों का भरोसा डिजिटल भुगतान प्रणाली पर बना रहे।

कलेक्ट रिक्वेस्ट यानी Pull Transaction की समस्या

यूपीआई में मौजूद एक सुविधा कलेक्ट रिक्वेस्ट या पुल ट्रांजेक्शन सबसे ज्यादा विवादों में रही है। इसमें कोई भी व्यक्ति दूसरे यूज़र को पेमेंट रिक्वेस्ट भेज सकता है। समस्या तब होती है जब मासूम लोग इस रिक्वेस्ट को पैसे आने की सूचना समझकर ओटीपी डाल देते हैं। नतीजा यह होता है कि उनके खाते से पैसे कट जाते हैं।

इसी वजह से इस फीचर को बंद करने की चर्चा तेज़ हो गई है। सरकार और NPCI इस पर विचार कर रहे हैं ताकि अपराधी इसका दुरुपयोग न कर सकें।

सरकार और NPCI के कड़े कदम

डिजिटल लेनदेन को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए सरकार लगातार नियमों में बदलाव कर रही है। बैंकों को सुरक्षा प्रणाली मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं। NPCI समय-समय पर अपने सिस्टम को अपडेट कर रहा है ताकि धोखाधड़ी पर लगाम लगाई जा सके।

साथ ही, साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। टीवी विज्ञापनों से लेकर सोशल मीडिया तक पर लगातार संदेश दिए जा रहे हैं कि लोग किसी भी अनजान लिंक या कॉल पर भरोसा न करें और ओटीपी किसी के साथ साझा न करें

सुरक्षित UPI इस्तेमाल के लिए जरूरी सावधानियां

  • किसी भी अनजान नंबर या कॉल पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें।
  • किसी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी पूरी तरह जांच करें।
  • ओटीपी कभी भी किसी से शेयर न करें।
  • हमेशा सिर्फ आधिकारिक और भरोसेमंद ऐप का ही उपयोग करें।
  • बैंक स्टेटमेंट नियमित रूप से चेक करते रहें और किसी संदिग्ध ट्रांजेक्शन को तुरंत रिपोर्ट करें।

नतीजा – उज्ज्वल भविष्य लेकिन बढ़ती चुनौतियाँ

यूपीआई ने भारत को डिजिटल भुगतान की दुनिया में नई पहचान दी है। लेकिन तकनीक जितनी आगे बढ़ रही है, साइबर अपराध भी उतनी ही तेजी से विकसित हो रहे हैं। ऐसे में जरूरत है कि सरकार, बैंक और आम उपयोगकर्ता तीनों मिलकर सुरक्षा को प्राथमिकता दें

भविष्य में यूपीआई का इस्तेमाल और भी आसान और व्यापक होगा, लेकिन यह तभी संभव है जब सुरक्षा पुख्ता हो। अगर लोग सतर्क रहेंगे और नियमों का पालन करेंगे, तो डिजिटल पेमेंट का यह सफर और भी सुरक्षित और सुविधाजनक बन सकता है

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